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भारत में जन संचार माध्यमों के विकास का इतिहास
सुशील
Abstract:
भारत में जनसंचार माध्यमों के विकास का इतिहास एक रोमांचक और विविध कहानी है, जो समृद्ध और विवेकानुभव से भरा हुआ है। प्राचीन काल से लेकर वर्तमान के डिजिटल युग तक, भारतीय संस्कृति ने जनसंचार माध्यमों के माध्यम से अपनी गहरी और प्रभावशाली धारा को प्रकट किया है। प्राचीन काल में मौखिक परंपराएं, लेखन और लिपियों का विकास सोचने का बहुत अच्छा उदाहरण है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक संदेशों को व्यापक रूप से प्रसारित किया। मध्यकाल में, पांडुलिपियाँ, हस्तलिखित ग्रंथ, और दरबारी घोषणाएं जनसंचार के माध्यम के रूप में महत्वपूर्ण थे। आज के युग में, इंटरनेट और सोशल मीडिया ने जनसंचार को नए ऊंचाइयों पर ले जाया है, जहां सूचना, विचार, और अनुभव एक-दूसरे के साथ सहजता से साझा किए जा सकते हैं।प्राचीन से आधुनिक काल तक, जनसंचार माध्यमों के विकास ने समाज को सकारात्मक रूप में प्रभावित किया है। समाचार, मनोरंजन, शिक्षा, और सामाजिक संदेशों को प्रसारित करने का यह साहसिक प्रयास भारतीय समाज के साथ अटूट रिश्तों को बढ़ावा देता है। भारत में जनसंचार माध्यमों के विकास का इतिहास हमें उस समृद्ध और अनुपम विरासत का अनुभव कराता है, जो हमारे समाज की आत्मशक्ति और समृद्धि का स्रोत है।