Latest News

** For Peer Reviewed, UGC App, UGC CARE, Scopus and WoS (M) 8708927219 (W) 9034872290: Impact Factor is Calculated by SJIFACTOR

Categories

QR Code

Visitor Counter

Large Visitor Map

S.No Particular Pdf Page No.
1
  • जयशंकर प्रसाद की काव्यकृति "कामायनी" का अध्ययन


डॉ राजकुमार सिंह परमार

Abstract: जयशंकर प्रसाद की प्रसिद्ध कविता "कामायनी" हिंदी साहित्य की आधारशिला है, जिसमें गहन दार्शनिक विषयों और समृद्ध पौराणिक प्रतीकों का समावेश है। यह महाकाव्य प्राचीन भारतीय पौराणिक कथाओं की पृष्ठभूमि में मानवीय भावनाओं और दिव्यता के बीच के अंतर्संबंध की खोज करता है। प्रसाद अपने नायक मनु और श्रद्धा की रूपक यात्रा के माध्यम से मानव मानस की गहराई में उतरते हैं, जो अस्तित्व के मानवीय और दिव्य पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। कविता सृजन, विनाश, प्रेम और ज्ञान के तत्वों को जटिल रूप से बुनती है, जो जीवन की चक्रीय प्रकृति और ज्ञान और सत्य की शाश्वत खोज को दर्शाती है। "कामायनी" के माध्यम से, प्रसाद ने बौद्धिक गहराई के साथ काव्यात्मक सौंदर्य को कुशलता से जोड़ा है, जो मानव प्रकृति और आध्यात्मिकता की एक कालातीत खोज प्रस्तुत करता है। यह कृति प्रसाद की साहित्यिक प्रतिभा और काव्यात्मक कलात्मकता को गहन दार्शनिक जांच के साथ मिश्रित करने की उनकी क्षमता का प्रमाण है।


23-32
2
  • Mythical Origins of the Vellalas of South India


Pragyan Choudhary

Abstract: Mythical Origins of the Vellalas of South India


16-22
3
  • Environmental Security as the Basis of Common Security for Mankind


Dr. Pallav Mithal

Abstract: In the face of intensifying ecological degradation and climate instability, environmental security has become a critical pillar of global peace and human survival. This article argues that environmental security must be understood not merely as a subset of national or human security, but as the foundation of a renewed conception of common security for mankind. The


23-30
4
  • भगवद्गीता में ज्ञान कर्म और भक्ति का समन्वय एक शास्त्रीय विवेचन


डाॅ राज्यश्री मिश्रा

Abstract: वस्तुत: गीता योग शास्त्र है इसमे वर्णित विभिन्न योगों में भक्ति योग, कर्म योग और ज्ञान योग महत्वपूर्ण है। अत: यह जानना आवश्यक है योग क्या है शाब्दिक रूप से योग शब्द युज धातु से बना है जिसका अर्थ है मिलना गीता में आत्मा परमात्मा के मिलन के अर्थ में इसका प्रयोग हुआ है जब आत्मा बंधन से युक्त हो जाती है तब उसको बंधन से मुक्त करने का साधन योग है | वस्तुत: योग मोक्ष मार्ग है जो परमात्मा का साक्षात्कार कराता है इस मोक्ष मार्ग के तीन प्रकार हैं : भक्ति मार्ग , कर्म मार्ग और ज्ञान मार्ग | श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय दर्शन और धर्म का एक अनुपम ग्रंथ है। यह न केवल एक धार्मिक पाठ है, बल्कि जीवन के गूढ़ रहस्यों और मानव अस्तित्व के परम लक्ष्य को समझने का एक मार्गदर्शक भी है। गीता में ज्ञान, कर्म और भक्ति के तीन प्रमुख मार्गों का विस्तृत वर्णन किया गया है, और इन तीनों के समन्वय द्वारा मोक्ष या परम सत्य की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त किया गया है। यह शोध पत्र गीता में ज्ञान, कर्म और भक्ति के समन्वय का शास्त्रीय विवेचन प्रस्तुत करता है। मुख्य शब्द


33-38
Collaboration Partners
  • Indian Journals

  • Swedish Scientific
    Publications

  • The Universal
    Digital Library

  • Green Earth Research
    And Publishing House

  • Rashtriya Research Institute
    Of New Medical Sciences

Indexing By