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Gurpreet KaurAbstract: Bapsy Sidhwa, the prominent Parsi-Pakistani writer, has earned accolades for portraying the conflicts, violence and pangs of the Partition of the Indian sub-continent in her fiction. A particularly crucial sub-theme in her novels is the portrayal of woman—their identity |
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डॉ सुनीताAbstract: नासिरा शर्मा का उपन्यास शाल्मली आधुनिक भारतीय समाज में कामकाजी और शिक्षित स्त्री के संघर्षों को गहराई से प्रस्तुत करता है। उपन्यास की मुख्य पात्र शाल्मली अपने दांपत्य जीवन, पारिवारिक दायित्वों और पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास करती है। उसका पति नरेश पुरुषोचित अहंकार और ईर्ष्या से ग्रस्त है, जिससे शाल्मली लगातार मानसिक और भावनात्मक दबाव का सामना करती है। बावजूद इसके, शाल्मली अपने अधिकारों, आत्मसम्मान और स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए विवेकपूर्ण ढंग से अपने परिवार और संबंधों को निभाती है। उपन्यास में दिखाया गया है कि आधुनिक कामकाजी स्त्री के लिए घर और कार्यस्थल दोनों ही स्थानों पर जिम्मेदारियों का दोहरा बोझ होता है, और उसे अपनी इच्छाओं और पहचान की सुरक्षा भी करनी होती है। शाल्मली उपन्यास केवल व्यक्तिगत संघर्ष का चित्र नहीं है, बल्कि स्त्री की सामाजिक स्थिति, आत्मनिर्णय और आधुनिक जीवन की जटिलताओं का सशक्त प्रतिनिधित्व प्रस्तुत करता है। |
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14-24 |
















